Rajasthan Prajamandal | राजस्थान प्रजामंडल आंदोलन PDF | Rajasthan Prajamandal Notes PDF
- 1927 में 'अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद्' की स्थापना बॉम्बे से की गई।
- 1928 में 'राजपूताना देशी राज्य लोक परिषद' की स्थापना की गई। इसका प्रथम अधिवेशन 1931 (अजमेर में) में हुआ। इसके अध्यक्ष रामनारायण चौधरी थे।
- कांग्रेस ने 1938 में हरिपुरा सम्मेलन में प्रजामण्डल को समर्थन दिया। उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चन्द्र बोस थे।
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1. जयपुर प्रजामण्डल
- स्थापना कर्पूर चन्द पाटनी ने की।
- 1936 में जमनालाल बजाज ने पुनर्गठन किया तथा अध्यक्ष चिरंजीलाल मिश्र को बनाया गया। नवगठित प्रजामण्डल ने 1937 से कार्य आरम्भ किया।
- 'जेन्टलमेन एग्रीमेन्ट'- 17 सितम्बर 1942 में हीरालाल शास्त्री
- (प्रजामण्डल का अध्यक्ष ) तथा मिर्जा इस्माइल (जयपुर के प्रधानमंत्री) ने मिलकर आधुनिक जयपुर का निर्माण किया।
- इस समझौते के कारण जयपुर प्रजामण्डल ने भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग नहीं लिया।
- आजाद मोर्चा- जेन्टलमेन एग्रीमेन्ट से असन्तुष्ट कार्यकर्ताओं ने बाबा हरिशचन्द के नेतृत्व में आजाद मोर्चा का गठन किया तथा भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया।
- आजाद मोर्चा के अन्य सदस्य- रामकरण जोशी, दोलतमल भण्डारी तथा गुलाब चन्द कासली वाल आदि थे।
- 1945 में नेहरूजी के कहने पर आजाद मोर्चा का प्रजामण्डल में विलय हो गया।
2. बूंदी प्रजामण्डल 1931 ई.
- संस्थापक कान्तिलाल, नित्यानन्द, ऋषिदत मेहता
- इन्होंने बूंदी देशी राज्य लोक परिषद की स्थापना की।
- 'राजस्थान अखबार'- यह ऋषिदत मेहता का अखबार था। यह एक साप्ताहिक समाचार पत्र था। इसका प्रकाशन 1923 में ब्यावर से हुआ। इसमें हाड़ौती क्षेत्र की खबरें प्रकाशित होती थी।
3. मारवाड़ प्रजामण्डल 1934
- 1920 ई. 'मारवाड़ सेवा संघ' नाम की पहली राजनीतिक संस्था स्थापित की गयी, जिसमें प्रमुख सहयागी रहे, जयनारायण व्यास, भँवर लाल सर्राफ, आनन्दराज सुराणा ।
- 1921 ई. में मारवाड़ हितकारिणी सभा की स्थापना की गई। इसका पुनर्गठन 1923 ई. में चान्दमल सुराणा ने किया।
- मारवाड़ सेवा संघ की स्थापना जयनारायण व्यास ने की। इसके माध्यम से 'तोल आन्दोलन' चलाया गया, क्योंकि 100 तोला के स्थान पर 480 तोले का सेर कर दिया गया था।
- कुछ समय बाद 'मारवाड़ सेवा संघ' निष्क्रिय हो जाने के कारण 1921 में इसके स्थान पर 'मारवाड़ हितकारिणी सभा' का गठन हुआ।
- 1929 ई. में 'मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद्' की स्थापना 'जयनारायण व्यास' ने की। इसका प्रथम अधिवेशन 1931 में पुष्कर में हुआ। इसके प्रथम अध्यक्ष चांदकरण शारदा को बनाया गया। इस अधिवेशन में कस्तूरबा गाँधी एवं काका कालेकर ने भाग लिया।
- 10 मई, 1931 में मारवाड़ यूथ लीग की स्थापना जयनारायण व्यास ने की।
- मारवाड़ प्रजामण्डल ने 1936 में 'कृष्णा दिवस' बॉम्बे में मनाया तथा 'शिक्षा दिवस' जोधपुर में मनाया।
- भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान जयनारायण व्यास को सिवाणा दुर्ग में बंद किया गया तथा जीपुर के बाकी नेताओं को बालोर किले में बंद किया गया।
- महात्मा गांधीजी ने जोधपुर की राजशाही व्यवस्था से दुःखी होकर अपने समाचार पत्र 'हरिजन' में इसकी आलोचना की।
- जयनारायण व्यास की पुस्तकें-
1 मारवाड की अवस्था 2. पोडबाई की पोल 3 मार्च से संघर्ष क्यों? - जयनारायण व्यास के समाचार पत्र-
1. अखण्ड भारत- बॉम्बे (हिन्दी) 2. Peep-fect (English) 3. आगीबाण- ब्यावर
डाबड़ा काण्ड (19 मार्च, 1947)
● मोतीलाल नामक किसान के घर प्रजामण्डल के सदस्यों की सभा हो रही थी। डीडवाना के सामन्त ने लाठी चार्ज करवा दी।• मोतीलालजी सहित कई किसान शहीद हो गए।
प्रजामण्डल के बड़े नेता मथुरादास माथुर घायल हो गये।
• मारवाड़ लोक परिषद् के द्वारा महाराजा हनुवन्त सिंह के सत्ता आसीन होने पर 14 नवम्बर, 1947 को 'विधान सभा विरोध दिवस मनाया गया।
चण्डावल काण्ड 28 मार्च, 1942
- यह किसान आन्दोलन पाली एवं मारवाड़ में हुआ।
4. हाडौती प्रजामण्डल -1934
संस्थापक पं. नयनूराम शर्मा थे।इन्होंने बेगार विरोधी आन्दोलन चलवाया।
5. बीकानेर प्रजामंडल
- 1913 में सर्वहितकारिणी सभा की स्थापना चूरू में कनहैयालाल द
- एवं स्वामी गोपाल दास ने की तथा कबीर पाठशाला दलितों हेतु एवं 'कन्या पाठशाला' नामक स्कूल खोले गये।
- पर भारत का झण्डा फहराया। 1931 ई. में गंगासिंह दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने गया, तो
- उनके खिलाफ 'बीकानेर दिग्दर्शन' नामक पर्चा बांटा गया।
- 1936 ई. में वैद्य मधाराम ने 'बीकानेर प्रजामण्डल' की कलकत्ता में स्थापना की।
- 1942 ई. में 'बीकानेर देशी राज्य लोक परिषद्' की स्थापना रघुवर दयाल गोयल ने की।
- 26 अक्टूबर, 1944 को 'बीकानेर दमन विरोधी दिवस' मनाया गया।
- 1 जुलाई, 1946 को रायसिंह नगर में जुलूस पर फायरिंग की गई। इसमें बीरबल नामक युवक शहीद हो गया तथा 17 जुलाई, 1946 को ★ बीकानेर रियासत में 'बीरबल दिवस' मनाया गया।
- • इन्दिरा गाँधी नहर की जैसलमेर शाखा का नाम बीरबल शाखा रखा गया।
- तीन • बीकानेर रियासत के किसान आन्दोलन-
2. उदासर किसान आन्दोलन (बीकानेर)
3. दुधवा किसान आन्दोलन (चूरू)- हनुमान सिंह आर्य
4. कांगड़ किसान आन्दोलन (रतनगढ़, चूरू)-1946
6. धौलपुर प्रजामण्डल 1936
- संस्थापक कृष्णदत्त पालीवाल थे।
- तसोमो हत्याकाण्ड 12 नवम्बर, 1946 में हुआ। इसमें पंचम सिंह एवं उत्तर सिंह नामक किसान शहीद हुए।
7. मेवाड़ प्रजामण्डल
- मेवाड में प्रजामण्डल आन्दोलन की स्थापना का श्रेय माणिक्य लाल वर्मा को जाता है।
- इस प्रजामण्डल के संस्थापक बलवन्त सिंह मेहता एवं भूरेलाल बा थे. उन्होंने 24 अप्रैल, 1938 में स्थापना की।
- इस प्रजामण्डल के अध्यक्ष बलवन्त सिंह मेहता, उपाध्यक्ष भूरेलाल एवं मंत्रणा वर्मा को बनाया गया।
- मेवाड महाराणा ने प्रजामण्डल पर रोक लगा दी तो माणिक्यलाल वर्मा द्वारा अजमेर से प्रजामण्डल चलाया।
- इसका प्रथम अधिवेशन 1941 ई. में उदयपुर में हुआ, जिसके अध्यक्ष माणिक्यलाल वर्मा थे। इस अभिवेशन में जे. बी. कृपलानी तथा विजयलक्ष्मी पण्डित (संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष) ने भाग लिया था।
- भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान नारायणी देवी वर्मा एवं भगवती देवी विश्नोई नामक महिलायें जेल गई। भूरेलाल बया को सराडा किले में बंद किया गया। सराडा किले को 'मेवाड़ का काला पानी' कहा जाता है।
- 1946 में अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद् का 7वां अधिवेशन उदयपुर के सलेतिया मैदान में हुआ। इस अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू एवं शेख अब्दुल्ला ने भाग लिया।
- माणिक्यलाल वर्मा की पुस्तक 'मेवाड़ का वर्तमान शासन' है, इसमें मेवाड़ के शासन की आलोचना की गई। वर्माजी को गिरफ्तार किया। (गाँधीजी ने अपने हरिजन समाचार-पत्र में इसका विरोध किया।)
- मेवाड़ प्रजामण्डल के अन्य केन्द्र- नाथद्वारा, भीलवाड़ा (रमेश चन्द व्यास मेवाड प्रजामण्डल के प्रथम सत्याग्राही)।
8. शाहपुरा प्रजामण्डल (1938)
- शाहपुरा के जनजागृति लाने का कार्य शाहपुरा के शासक उम्मेदसिंह ने किया था। इन्होंने अनेक पाठशाला विधवा आश्रम एवं पुस्तकालय स्थापित करवाया।
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- संस्थापक लादूराम व्यास रमेश चन्द्र ओझा
- शाहपुरा प्रजामण्डल वर्माजी की प्रेरणा से स्थापित
- राजस्थान में सबसे पहले उत्तरदायी सरकार की स्थापना शाहपुरामें हुई।
- राजा सुदर्शन देव ने गोकुलताल असावा को 14 अगस्त,(1947) प्रधानमंत्री बनाया।
9. अलवर प्रजामण्डल (1938)
- 1933 ई. में अलवर में कांग्रेस समिति को स्थापना हुयी। इससे कांग्रेस समिति का नाम 1938 ई. में हरिनारायण शर्मा एवं कुंज बिहारी लाल मोदी ने अलवर प्रजामण्डल कर दिया।
- संस्थापक पं. हरिनारायण शर्मा
- संगठन वाल्मीकि सप, अस्पृश्यता निवारण संघ, आदिवासी सम। • प्रजामण्डल के प्रथम अध्यक्ष भवानी शंकर शर्मा
- अलवर प्रजामण्डल ने भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग नहीं लिया।
10. भरतपुर प्रजामण्डल (1938)
- संस्थापक जुगल किशोर चतुर्वेदी, मास्टर आदित्वेन्द्र, गोपीलाल यादव,किशनलाल जोगी,अध्यक्ष गोपीलाल यादव।
- भरतपुर प्रजामण्डल की स्थापना रेवाड़ी में हुई। प्रजामण्डल का समाचर-पत्र वैभव है।
- ठाकुर देशराज की पत्नी श्रीमती त्रिवेणी देवी का भी इस प्रमण्डल आन्दोलन के कार्य में महा
11. करौली प्रजामण्डल 1938
- करौली में जन-जागृति एवं रचनात्मक कार्य की शुरूआत ठाकुर पूर्णसिंह एव मदन ने की। • संस्थापक त्रिलोक चन्द्र माथुर, चिरंजीलाल शर्मा एवं कु मदन सिंह
- 1927 में करौली में किसान आन्दोलन चलाया।
12. कोटा प्रजामण्डल 1939
•कोटा में जन-जागृति का श्रेय पण्डित नयनूराम शर्मा को है।संस्थापक- पं. राम शर्मा, अभिन्न हरि प्रथम अधिवेशन गांगल (बारा) में हुआ
13. किशनगढ़ प्रजामण्डल 1939
- 1930 ई. में कान्तिलाल चौथानी ने उपचारक मण्डल की स्थापनाकी।
- संस्थापक- कान्तिलाल चौथानी एवं जमनालाल शाह।
14. सिरोही प्रजामण्डल 1939
- वर्ष 1934 में सिरोही प्रजामण्डल की स्थापना को लेकर मुम्बई में कुछ युवकों ने प्रयास किया पर वे सफल नहीं हुए।
- संस्थापक- गोकुल भाई भट्ट ।
- गोकुल भाई भट्ट को 'राजस्थान का गांधी' भी कहते थे।
- सिरोही प्रजामण्डल की स्थापना बॉम्बे में हुई।
15. कुशलगढ़ प्रजामण्डल 1942
- संस्थापक भंवरलाल निगम।
16. बांसवाड़ा प्रजामण्डल (1943)
- संस्थापक भूपेन्द्र नाथ त्रिवेदी
- त्रिवेदीजी ने बॉम्बे से 'संग्राम' नामक समाचार-पत्र भी निकाला था।
- मणिशंकर नार, मूलजी भाई भावसार, विजयाबहिन भावसार ने महिला मण्डल की स्थापना की।
17. डूगरपुर प्रजामण्डल 1944
- संस्थापक- भोगीलाल पाण्ड्या
- भोगीलाल पाण्ड्या को 'बांगड़ का गांधी' भी कहा जाता है।
- हरिदेव जोशी, गौरीशकर उपाध्याय द्वारा समाचार पत्र 'सेवक' निकाला गया।
रास्तापाल कांड-
- 19 जून, 1947 को अध्यापक नानाभाई एवं कालीबाई (21 जून) शहीद हो गये।
- इन दोनों की मूर्तियाँ दूगरपुर में गैब सागर तालाब के पास में है।
- बालिका शिक्षा के लिए कालीबाई पुरस्कार दिया जाता है। इस घटना में सेंगा भाई नामक अध्यापक घायल हुए।
पूनावाड़ा घटना-
- शिवराम भील नामक अध्यापक घायल हो गये।
- डूंगरपुर प्रजामण्डल ने प्रयाण सभाओं का आयोजन किया था।
- बालमुकुन्द बिस्सा जोधपुर प्रजामण्डल के कार्यकर्त्ता थे।
- जोधपुर में जवाहर खादी भण्डार की स्थापना की थी। 19 जून, 1942 जोधपुर जेल में भूख हड़ताल से शहीद हो गए।
18. जैसलमेर प्रजामण्डल 1945
- संस्थापक- मीठा लाल व्यास ने जोधपुर में स्थापना की।
19. प्रतापगढ़ प्रजामण्डल 1945
- संस्थापक- अमृतलाल पायक, ठक्कर बापा, चुन्नीलाल प्रभाकर।
20. झालावाड़ प्रजामण्डल 1946
- संस्थापक मांगीलाल भव्य ।
- राजा हरिशचन्द्र के नेतृत्व में उत्तरदायी सरकार की स्थापना की।
हेलो हेलो कल इस बारे में बात पति पड़ रही है